नई दिल्ली / पटना : पूर्व बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ डबल हत्या के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उसको दोषी करार दिया है। बता दें यह बाहुबली सांसद इससे पहले इसी केस में बिहार की दो निचली अदालतों में बाई इज्जत बरी हो चूका था,,परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने इसको हत्या का दोषी माना और उसे तुरन्त जेल भेज दिया। जिससे बाहुबली सांसद के साथ-साथ राजद सुप्रीमो लालू यादब को भी तगड़ा झटका लगा है। यह प्रभुनाथ सिंह का व्यक्तिगत प्रभाव था कि चाहे वो समता पार्टी में रहा या जदयू में या फिर लालू यादब की पार्टी राजद में,, लेकिन वो लालू प्रसाद यादब का बेहद ही करीबी माना जाता है। यहाँ एक और बड़ी दिलचस्प बात है कि अभी कुछ महीने पहले ही लालू यादब भी जेल से बाहर आया है। अब उसके राइट हैंड को भी देश की सर्वोच्च अदालत ने दोषी करार दे दिया है। बस सज़ा होना ही शेष रह गया है। इस घटना से निश्चित तौर पर बिपक्षी गठबंधन I N D I A को जबरदस्त झटका लगा है। और यकीनन तौर पर आने वाले समय में विपक्षी गठबंधन में लालू यादब को लेकर असहमति बढ़ती हुई देखने को मिलेगी। बिहार की कई विधानसभाओं पर एकछत्र प्रभाव रखने के कारण किसको टिकट देना है, किसको नहीं , यह बाहुबली सांसद ही तह करता था। इस वजह से इसको छपरा का मुख्यमंत्री भी कहा जाता था। पानापुर प्रखंड के धनुकी गांव में वर्ष 1995 के विधान सभा चुनाब में वोटिंग के दौरान गोलियां चलीं थी,, इसके पीछे के कारण मात्र यह था कि लोग उसके निर्देश को दरकिनार कर दूसरी पार्टी को वोट डाल रहे थे। बस फिर क्या था, गोलियां चलीं /नतीज़न एक महिला समेत तीन लोगों को गोली लगी, जिसमे दो पुरुष भी थे ,, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हत्या के आरोप इस बाहुबली सांसद पर लगे। उसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा ,,लेकिन सबूतों के अभाब के चलते बाहुबली सांसद रिहा हो गया। फिर दुबारा ये मामला बिहार के हाई कोर्ट में पहुंचा। जहाँ से एक बार फिर ये बाहुबली सांसद रिहा हो गया। लेकिन ये हत्यारा बाहुबली सांसद सुप्रीम कोर्ट से नहीं बच पाया। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि 1 सितंबर को माननीय उच्चतम न्यायालय इस हत्यारे सांसद को क्या सज़ा देता है। कुछ सालों की सज़ा ,, या उम्र कैद और या फिर मृत्युदंड,,,,,,,?