Home दिल्ली कोंग्रेसी नेता चौधरी समेत संसद से अब तक 4 सांसद सस्पेंड। वर्ष...

कोंग्रेसी नेता चौधरी समेत संसद से अब तक 4 सांसद सस्पेंड। वर्ष 1989 में राजीव गाँधी की सरकार में हुआ था आजाद भारत का सबसे बड़ा 63 सांसदों का निलंबन।

नई दिल्ली: प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी पर विवादित टिप्पणी करने पर कांग्रेस के मशहूर नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से तुरंत निलंबित कर दिया गया है। बहीं दूसरी ओर दिल्ली सेवा बिल को रोकने में नाकाम रही आम आदमी पार्टी को भी एक और बड़ा गहरा और असहनीय दर्द भरा झटका लगा है। सासंदों से फर्जी हस्त्ताक्षर करबाने के मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। वह तब तक सदन से निलंबित रहेंगे जब तक संसद की विशेषाधिकार कमेटी उनके मामले की जांच नहीं करती है। यही नहीं, कुछ दिन पहले राज्यसभा से इस सत्र के लिए सस्पेंड किए गए AAP सांसद संजय सिंह को भी अगले सत्र तक निलंबित करने का कठोर फैसला किया गया है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब की जालंधर लोकसभा से इकलौते सासंद सुशील रिंकू को भी लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़ने के चलते लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था। इसलिए अब तक लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित सासंदों की संख्या 4 हो गई है। यहाँ हम आपको एक बड़ी और अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी दे दें कि संसद में सांसदों के निलंबन की पहली घटना वर्ष 1963 में पहली बार सामने आई थी। उसके बाद इसी तरह की एक बड़ी घटना वर्ष 2019 में भी हुई थी,, जिसमें 2 दिनों के भीतर 45 सांसदों को सदन से निलंबित किया गया था। लेकिन सबसे ज्यादा सांसदों के निलंबन की अगर कोई घटना हुई है तो वो वर्ष 1989 में हुई थी ,, जब केंद्र में राजीव गाँधी की सरकार थी। उस वक़्त 63 सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया था। संसद से सांसदों का ये निलंबन आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा निलंबन था।